उड़ान योजना क्या है?
उड़ान योजना भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसे क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क योजना भी कहा जाता है, स्कीम की पहल आम लोगों को हवाई जहाज यात्रा की सुविधा कम पैसे में मुहैया कराने की कोशिश में की गयी है. यह योजना नई दिल्ली में केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू द्वारा 21 अक्टूबर सन 2016 को लोंच की गई. लेकिन इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2017 से हुई है और 10 साल तक की अवधि के लिए इस योजना में ऑपरेशन होगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम कीमत की हवाई टिकटों को उपलब्ध कराना है. UDAN का पूरा नाम “उड़े देश का आम नागरिक” है. यह योजना लोगों के लिए सस्ती उड़ान बनाने के लिए है जोकि यात्रा करना चाहते है और देश के 2 टायर या 3 टायर शहरों में यहाँ – वहाँ जाना चाहते हैं. तात्कालिक समय में हुई घोषणा के अनुसार आम आदमी महज 2500 रूपए में हवाई जहाज का टिकट बुक करा सकता है. इस योजना के तहत शुरू होने वाली पहली फ्लाइट दिल्ली और कलकत्ता के मध्य उड़ने वाली है. यहाँ इस योजना से जुडी सभी जानकारियां दी जायेंगीं.

नाम | उड़ान योजना (Free Sanitary Napkin) |
कहाँ शुरू हुई | राजस्थान |
किसने घोषणा की | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत |
कब घोषणा हुई | सितम्बर 2021 |
शुरू कब होगी | 19 नवम्बर |
लाभार्थी | राज्य की महिलाएं, छात्राएं |
विभाग | महिला अधिकारिता विभाग |
हेल्पलाइन नंबर | 181 |
आधिकारिक पोर्टल | अभी नहीं |
भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने गत 27 अप्रैल को उड़ान स्कीम के तहत शिमला से दिल्ली की पहली फ्लाइट का उद्घाटन किया. इस स्कीम की शुरुआत गत वर्ष 2016 में शुरू हुई रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत की गयी. इस स्कीम की सहायता से सरकार देश के छोटे –छोटे शहरों को भी हवाई जहाज की सुविधा से जोड़ना चाहती है. योजना के नाम का शब्द ‘उड़ान’ का फुल फॉर्म ‘उड़े देश का आम नागरिक’ है. इस योजना के तहत सरकार फ्लाइट फेयर कम करेगी तथा कई ऐसी जगहों पर हवाई अड्डों का निर्माण कराएगी, जहाँ फिलहाल हवाई अड्डे नहीं बन पाए हैं. इस योजना के तहत ग्राहकों को 500 किमी की दूरी एक घंटे में तय कराई जायेगी, जिसकी टिकट की क़ीमत 2500 रूपए होगी. इस स्कीम में 128 रूट और 5 ओपरेटरों को शामिल किया गया है|
उड़ान योजना, मौजूदा एयर – स्ट्रिप्स और एयरपोर्टस के रिवाइवल के माध्यम से अन – सर्व्ड और इसके तहत कार्य करने वाले एयरपोर्टस में कनेक्टिविटी प्रदान करना चाहती है|
यह पहली इस तरह की खास योजना है जो अफोर्डेबिलिटी, कनेक्टिविटी, वृद्धी और विकास को सुनिश्चित करेगी. इसका लक्ष्य सन 2022 तक 80 लाख से 3 करोड़ तक की टिकेट की मात्रा में वृद्धी करना है.
इस क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के तहत एक बाजार आधारित मैकेनिज्म को विकसित किया जायेगा, जिसके तहत विमान सेवाएँ सीट सब्सिडीस के लिए होगी.
एयरलाइन ऑपरेटर्स में 40 सब्सिडीड सीटों के लिए बोली लगाई जाएगी और कम से कम 9 सीटें होंगी. यहाँ 50% सीटें बाजार आधारित मूल्य की होंगी.
क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती और आर्थिक रूप से व्यावहारिक विकल्प एवं लाभदायक उड़ाने उपलब्ध होगी. ये उड़ानें भारत के मध्यम वर्गीय लोगों के लिए अफोर्डेबल होगी जो छोटे शहरों के है.
इसके तहत एयरलाइन्स में कनेक्टिविटी के लिए एवं बड़ी विमान सेवाओं के साथ कोड शेयरिंग में प्रवेश करने के लिए पूरी स्वतंत्रता होगी, और इन्हें विभिन्न एयरपोर्ट चार्जेज से मुक्त रखा जायेगा.
एयरलाइन्स में एक विशेष क्षेत्रीय मार्ग पर उड़ान भरने के लिए तीन साल के लिए विशेष अधिकार दिया जायेगा. क्षेत्रीय उड़ानों के लिए इन मार्गों पर हवाई किराया 1 घंटे के लिए 2500 रूपये होगा.
उड़ान स्कीम का उद्देश्य:-
इस स्कीम के अंतर्गत सरकार के कई मुख्य उदेश्य शामिल हैं, स्कीम की ख़ास बातें नीचे दी जा रही हैं-
उड़ान स्कीम की घोषणा साल 2016 में भारत सरकार के एविएशन मंत्रालय द्वारा की गयी थी, जिस पर इस साल अमल शुरू किया गया है.
इस योजना के तहत सरकार देश को रीजनल कनेक्टिविटी देना चाह रही है. योजना के अनुसार इसके फ्लाइट्स अधिकतम 800 किमी की दूरी तय करेंगे.
इस योजना के तहत देश के 43 शहरों को फ्लाइट्स से जोड़े जाने की खबर है. साथ ही इससे ऐसे लगभग 12 एअरपोर्ट जोड़े जायेंगे, जो अनियमित रूप से चल रहे हैं. इसके साथ 31 ऐसी जगहें सक्रीय हो पाएंगी, जहाँ एअरपोर्ट तो है किन्तु उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है.
इस योजना के तहत एयर इंडिया सबसीडरी अलायन्स पहली एयर लाइन बनी, जिसने इस योजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच हवाई जहाज चलाई. अलायन्स एयर की तरफ से इस योजना के तहत 48 सीटों वाली एटीआर -42 रेगुलर बेसिस पर उड़ान भरेगी. ये सभी फ्लाइट्स इकनोमिक क्लास की होंगीं.
छोटी रन वे लम्बाई, ऊंचाई और तामपान सीमओं की वजह से फ्लाइट की 48 सीट्स ही बुक नहीं करायी जाएँगी. अर्थात हवाई जगह में पूरी तरह से 48 सीटों पर लोग सफ़र नहीं कर पाएंगे. दिल्ली शिमला रूट में फ्लाइट अपनी पहली उड़ान के समय 35 और वापसी के समय 15 पैसेंजेर को लेकर उड़ान भरेगी. इस दौरान खाली रहने वाली सीटों पर प्रति सीट 3000 रूपए का वीजीएफ़ जारी करेगी. वीजीएफ़ का वहन सरकार ही करेगी.
इस वीजीएफ़ का प्रयोग एयरलाइन के नियमन के लिए तथा अन्य खर्चों के रूप में किया जायेगा. एयरलाइन के लिए सालाना 205 करोड़ के खर्च की बात कही गयी है. इस कार्य के लिए 19 राज्य और तीन केन्द्रशासित प्रदेशों ने एक एमओयू साइन किया है.
इस योजना में राज्य सरकारों की भूमिका अहम् है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों से आवश्यकतानुसार ज़मीन, अच्छी सुरक्षा व्यवस्था, कम पैसे में एयरपोर्ट के लिए आवश्यक सर्विस देने की बात कही है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मुफ्त में आरसीएस एअरपोर्ट के लिए ज़मीन की मांग कर रही है. इस योजना में वीजीएफ़ में राज्य सरकार की 20 प्रतिशत तथा देश के उत्तरपूर्वी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी.
ये स्कीम नेशनल सिविल एविएशन पालिसी का एक हिस्सा है, जिसकी औपचारिक घोषणा 15 जून 2016 को हुई थी.
उड़ान योजना की विशेषता :–
उड़ान योजना की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
यह योजना सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक जीत की स्थिति प्रदान करेगी.
नागरिकों को अधिक जॉब्स के अवसर मिल जायेगें एवं यह अफोर्डेबिलिटी, कनेक्टिविटी और अधिक रोजगार के लिए भी लाभकारी होगी.
राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास का लाभ प्राप्त होगा.
इससे व्यापार, वाणिज्य और अधिक पर्यटन विस्तार में वृद्धी होगी.
इन्कम्बेंट एयरलाइन्स के लिए नये मार्गों का वादा किया गया है और अधिक यात्रियों के लिए एयरलाइन्स शुरू हुआ है, एवं यहाँ नये स्केलेबल व्यापार के अवसर भी हैं.
एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, मूल उपकरण निर्माताओं के रूप में अपने व्यवसाय का विस्तार भी देखेंगे.
कैसे उड़ान योजना अपने लक्ष्य को पूरा करेगी?
उड़ान योजना अपने लक्ष्य को निम्न प्रकार से पूरा करेगी-
केंद्र एवं राज्य सरकार और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, एयरलाइन्स के लिए कन्सेशन के रूप में फाइनेंसियल प्रोत्साहन प्रदान करेंगे.
वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के मैकेनिज्म द्वारा, कुछ एयरपोर्ट्स से किक –ऑफ ऑपरेशन्स करने के लिए इंट्रेस्टेड एयरलाइन्स को उपलब्ध कराया जायेगा.
इस योजना के तहत VGF आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फण्ड (RCF) बनाया जायेगा. कुछ घरेलू उड़ानों के लिए RCF लेवी प्रति डिपार्चर लागू किया जायेगा.
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