जन औषधि योजना क्या है?
जन औषधि योजना भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा संचालित एक अभियान है, जिसका लक्ष्य भारतवर्ष में उच्च गुणवत्ता वाली साधारण अर्थात जेनेरिक दवाइयों को उचित या सस्ते दामो पर जनता को उपलब्ध कराना है | पूरे भारतवर्ष में अभी लगभग 85 से ज्यादा जन औषधि स्टोरों का संचालन किया जा रहा है | जिनमे लगभग 361 से अधिक प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध हैं | हालाँकि जन औषधि योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य कम से कम एक जन औषधि स्टोर हर जिले में अर्थात लगभग 630 जिलो में स्थापित करने का है | आने वाले वित्त वर्ष 2017-18 में देश में लगभग 3000 जन औषधि स्टोर खोलने का लक्ष्य रखा गया है |
जेनेरिक मेडिसिन या साधारण औषधि से हमारा तात्पर्य बिना ब्रांड की औषधि से है | हालाँकि चिकत्सकीय मूल्य के अनुसार ये दवाइयाँ भी ब्रांडेड दवाइयों की तरह ही प्रभावी और सुरक्षित होती हैं | लेकिन इनकी कीमत ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले बहुत सस्ती होती हैं | इन दवाइयों अर्थात औषधि की खरीद फरोख्त पर BPPI ((Bureau of Pharma PSUs of India) का नियंत्रण रहता है | BPPI की स्थापना भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने की है |
जन औषधि योजना के अंतर्गत औषधि को जन औषधि स्टोर में भेजने से पहले NABAL, Laboratories में लाके तय मानको को मद्देनज़र रखकर उनका निरिक्षण किया जाता है | उसके बाद दवाइयों को जन औषधि स्टोर में बेचने के लिए भेजा जाता है |जेनेरिक मेडिसिन दवाइयों का फायदा यह है की आपको अच्छी प्रभावी औषधि, ब्रांडेड कम्पनियो के मुकाबले काफी सस्ती दरों में मिल जाती है |

जन औषधि स्टोर से दवाई लेने के लिए क्या हमेशा डॉक्टर की पर्ची की जरुरत होगी?
बिना डॉक्टर की सलाह पर बेचीं जाने वाली दवाइयों के लिए किसी प्रकार की पर्ची की जरुरत नहीं होगी | हालाँकि नियमित दवाओं के लिए डॉक्टर की पर्ची की जरुरत होगी |
अभी जन औषधि स्टोर में सिर्फ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों अर्थात (CPSUs) द्वारा उत्पादित दवाये ही भेजी जा रही है | लेकिन यदि इन उपकर्मो में सारी 361 औषधियों का उत्पादन नहीं हो पाता है तो निजी क्षेत्र से भी जन औषधि योजना के अंतर्गत दवाइया जन औषधि स्टोर में सारे तय मानको का निरक्षण करने के पश्चात भेजी जा रही हैं |जन औषधि स्टोर कौन खोल सकता है?
जन औषधि योजना के अंतर्गत जन औषधि स्टोर कोई भी गैर सरकारी संगठन अर्थात NGO/ राज्य द्वारा नामित अधिकृत सहकारी समिति इस योजना के अंतर्गत जन औषधि स्टोर खोल सकते हैं | ऐसे समिति/संगठनो को राज्य द्वारा सरकारी हॉस्पिटल में जन औषधि स्टोर खोलने के लिए मुफ्त जगह दी जाएगी |
.कोई भी गैर सरकारी संगठन/संस्था/ट्रस्ट/स्व स्वास्थ्य समूह जिन्हे कम से कम 3 साल का कल्याण गतिविधियों का अनुभव हो, जन औषधि स्टोर खोलने के लिए जगह हो, और उनमे स्टोर खोलने की वित्तीय क्षमता हो अपना जन औषधि स्टोर खोल सकते हैं |
.कोई भी ब्यक्ति फार्मासिस्ट या चिकित्सक जिसके पास जगह और वित्तीय क्षमता हो जन औषधि स्टोर के लिए आवेदन कर सकता है |
जन औषधि योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा जन औषधि स्टोर के लिए नामित एजेंसी या व्यक्ति को निम्न प्रकार की सहायता BPPI द्वारा दी जाएगी |
दवाइयों की छपी हुई कीमत में से 16% का मार्जिन |
रूपये दो लाख तक की One Time वित्तीय सहायता |
रूपये 50000 कंप्यूटर और अन्य सामग्री खरीदने के लिए |
जन औषधि स्टोर को 12 महीनो के लिए उसकी सेल का 10% अतिरिक्त Incentive दिया जायेगा | लेकिन यह अधिक से अधिक 10000 रूपये हर महीने होगा |
पूर्वोत्तर राज्यों/ नक्शल प्रभावित इलाको/ आदिवासी इलाको इत्यादि में यह Incentive 15% और इंसेंटिव राशि 15000 हर महीने होगी |
जन औषधि स्टोर खोलने के लिए योग्यता:-
आवेदनकर्ता कोई बेरोजगार चिकित्सक या फर्मासिस्ट या किसी फार्मासिस्ट कंपनी में रोजगारित चिकित्सक या फार्मासिस्ट होना चाहिए |
आवेदनकर्ता का पंजीकरण नंबर आवेदन करते समय फॉर्म में भरा जायेगा |
आवेदनकर्ता को आवेदन करते समय अपने बैंक के खाते की स्टेटमेंट दिखानी पड़ेगी | जिस खाते का आवेदनकर्ता ने पिछले तीन सालो से रख रखाव किया हो |
आवेदनकर्ता के पास किराये में ली हुई या फिर अपनी जमीन होना अनिवार्य है जिसमे वह जन औषधि स्टोर खोलेगा |
जमीन का क्षेत्रफल कम से कम 120 वर्ग फीट होना अनिवार्य है |
आवेदनकर्ता के पास चालू स्तिथि में TIN अर्थात (Tax Identification Number ) होना चाहिए |
जन औषधि योजना के अंतर्गत जन औषधि स्टोर शुरू करने की प्रक्रिया :-
जन औषधि योजना के अंतर्गत BPPI (Bureau Of Pharma PSUs of India) जन औषधि स्टोर खोलने के लिए राज्य को दिशानिर्देश जारी करेगा | और उसी के अनुसार राज्य को जन औषधि स्टोर योजना के अंतर्गत स्टोर खोलने के लिए सुविधाए प्रदान करेगा | जन औषधि स्टोर योजना में स्टोर के लिए जगह का प्रबंध राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जायेगा | कोशिश है की किसी सरकारी अस्पताल में जहाँ से मरीजो का निकलने का रास्ता या OPD के नजदीक जन औषधि स्टोर के लिए जगह मुहैया कराने को प्राथमिकता दी जाएगी | और राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध डॉक्टरो को Generic दवाइयां Prescribe करने के लिए निर्देशित किया जायेगा | ताकि लोगो को सस्ते दामो में दवाइयां उपलब्ध हो सकें |